रांची, मई 26 -- रांची, विशेष संवाददाता। यूनियन क्लब एंड लाइब्रेरी में विद्रोही कवि के रूप में विख्यात काजी नजरूल इस्लाम की 126वीं जयंती सोमवार को मनाई गई। इसमें कवि नजरूल को संस्कृतिकर्मियों ने गीत-संगीत से श्रद्धांजलि अर्पित की। कवि नजरूल गीतों में देशभक्ति, गजल, प्रेम, दुख जैसे भावों को कलाकारों ने मंच पर बखूबी व्यक्त किया। अजना मित्र के निर्देशन में संगीत प्रस्तुति में विभिन्न नजरूल गीति की प्रस्तुति दी गई। कलाकारों ने -अंजलि लाहो मोर..., सहो सोखी गोल बांधलो..., ऊंचाटनो मनो घरे राय ना..., जैसे गीत प्रस्तुत कर संगीतप्रेमियों को भावविभोर कर दिया। वहीं, अलगा करोगो खोंपार बांधन... और दुर्गमो गिरी कांतारो मोरु..., के बोल पर श्रोता झूम उठे। इन गीतों को- अदिति मित्र, कोयली सरकार, सजल बनर्जी, मानस बनर्जी, ने प्रस्तुत किया। ऑक्टोपैड पर सौरभ देव...
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