लखनऊ, नवम्बर 10 -- विद्युत संशोधन अधिनियम और निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारी, किसान संगठन और ट्रेड यूनियन लामबंद हो गए हैं। सभी संगठनों में दोनों मसलों पर विरोध की सहमति बन गई है। इस संबंध में 14 दिसंबर को दिल्ली में एक अहम बैठक होगी, जिसमें संघर्ष की रणनीति तय की जाएगी और आंदोलन के कार्यक्रमों की घोषणा होगी। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि किसान संगठनों और अखिल भारतीय ट्रेड यूनियनों की इस बात पर सहमति हो गई है कि विद्युत संशोधन अधिनियम बिल - 2025 ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण करने के लिए लाया जा रहा है। इसका राष्ट्रव्यापी विरोध किया जाना बहुत जरूरी है। विरोध के मसले पर फैसला लेने के लिए बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति, नेशनल कोऑ...
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