लखनऊ, अक्टूबर 27 -- -केंद्र ने विद्युत अधिनियम-2003 में संशोधन के लिए ड्राफ्ट जारी कर आपत्तियां और सुझाव मांगे -मूल अधिनियम में प्रीपेड मीटर के चयन का विकल्प उपभोक्ताओं के पास, यानी अनिवार्य नहीं -संशोधन ड्राफ्ट में भी इसका विकल्प देने वाली धारा जस की तस, यानी प्रीपेड मीटर वैकल्पिक -वहीं 2020 में केंद्र सरकार के जारी रूल्स के तहत सभी के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर का है प्रावधान -रूल्स की व्यवस्था को नियामक आयोग में दी गई है चुनौती -अब आयोग पसोपेश में कि अधिनियम माने या बाद में आए नियम, कानूनन अधिनियम है सर्वोपरि लखनऊ, विशेष संवाददाता स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। विद्युत अधिनियम-2003 में उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर के चयन का विकल्प देता है। इस अधिनियम में संशोधन का ड्राफ्ट जारी कर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने...