रिषिकेष, जून 23 -- उत्तराखंड के भराड़ीसैंण, गैरसैंण में योग संगम में शामिल होने के बाद विश्व के कई देशों के राजदूत एवं उच्चायुक्तों का प्रतिनिधमंडल परमार्थ निकेतन में रुका था। सोमवार को उन्होंने परमार्थ निकेतन से विदाई ली। इससे पूर्व सभी राजदूतों और उच्चायुक्तों ने गंगा घाट पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और अध्यात्मिक वक्ता साध्वी भगवती सरस्वती के सान्निध्य में गंगा पूजन किया। परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने वेद मंत्रों का उच्चारण कर समस्त वातावरण को शांति, वैश्विक सद्भाव और बंधुत्व की भावनाओं से ओतप्रोत किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि मां गंगा केवल भारत की नहीं, पूरी मानवता की धरोहर है। जब विश्व के विभिन्न देशों के प्रतिनिधि मां गंगा की आरती में सहभागी बनते हैं, तब यह एक धरती, एक परिवार की भावना को और सशक्त...