रांची, जून 12 -- अड़की, प्रतिनिधि। विश्व के विभिन्न देशों से आए छात्रों का एक दल भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातु पहुंचा और वहां उनके जीवन, विचारों और आदिवासी जीवनशैली को नजदीक से समझा। छात्रों ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर नतमस्तक होकर गमछा अर्पित किया और पारंपरिक पाहन द्वारा पूजा-अर्चना कर तिलक ग्रहण किया। इस अवसर पर उलिहातु स्थित बिरसा कैम्पस में एक संवाद बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें छात्रों ने बिरसा मुंडा के बारे में अपनी-अपनी जानकारी साझा की। गांव के वयोवृद्ध और बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा ने सभी को भगवान बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष, योगदान और आदिवासी अस्मिता की रक्षा में उनकी भूमिका की विस्तृत जानकारी दी। महाराष्ट्र से आए छात्र अंकित कुमार ने कहा कि हमने बचपन से ही बिरसा मुंडा के बारे में किताबों और झांकी में देखा है, लेकि...