लखनऊ, अक्टूबर 6 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता दक्षिणांचल व पूर्वांचल बिजली कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का आंदोलन लगातार जारी है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा के साथ पांच वर्ष पूर्व हुए लिखित समझौते का सम्मान करते हुए निजीकरण निरस्त करने की मांग की है। समिति ने कहा कि छह अक्तूबर 2020 को वित्त एवं ऊर्जा मंत्री से वार्ता के बाद विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के साथ लिखित समझौता हुआ था। इस समझौते के पहले ही बिंदु में स्पष्ट था कि विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही सुधार के लिए कर्मचारियों व अभियंताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही की जाएगी। उन्हें विश्वास में लिए बिना कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा। उधर, जिलों में लगातार 314वें दिन ...