मैनपुरी, मार्च 9 -- नगर के कबीर आश्रम पर रविवार को सत्संग का आयोजन हुआ। जिसमें महंत अमर साहेब ने प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि जो हम अपने खेत में बोते हैं वहीं फसल के रूप में काटते हैं लेकिन यह बात हम अपने जीवन के सूत्र में भूल जाते हैं। सत्संग में महंत ने कहा कि जैसा हमारा विचार होगा वैसा ही कर्म होगा और कर्म के अनुसार हमारे संस्कार होंगे। मनुष्य अपने जीवन में उन्नति व सुखमय जीवन व्यतीत करना चाहता है लेकिन वह अपने कर्मों को भूल जाता है। रामायण की चौपाई में हमें याद दिलाती है कि परहित सरसि धर्म नहि भाई पर पीड़ा अधमाई। जिस प्रेम को हम दूसरों से चाहते हैं वहीं प्रेम दूसरों को देना प्रारंभ कर दें क्योंकि जीवन में जो हम देंगे वहीं हमें मिलेगा। यही हमारे धर्म ग्रंथों व महापुरुषों का सूत्र है। सत्संग के अंत में सत्संगप्रेमियों को प्रसाद वितरित किय...