बरेली, फरवरी 26 -- विंडरमेयर थिएटर फ़ेस्टिवल एंड अवॉड्र्स के तीसरे दिन आसाम से आए नाट्य समूह अभिमुख, नोटुनोर नाटघोर का नाटक रघुनाथ दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ने में कामयाब रहा। देश के सुदूर इलाकों में विकास के अभाव में जिंदगी दांव पर लगाते लोगों की कहानी को निर्देशक बिद्युत कुमार नाथ और उनकी टीम ने पेश किया। मंच पर महज बांस के ढ़ांचे से बना सेट और कपड़े की एक बड़ी सी गुड़िया लेकर कलाकर आए और अपने रचना संसार ने दर्शकों को मुग्ध कर दिया। रघुनाथ एक ऐसे पिता की कहानी है जिसकी बेटी स्कूल जाते समय अचानक आई बाढ़ में बह गई और फिर कभी नहीं मिली। दुख में डूबे पिता ने सोचा कि अगर गांव में एक पुल होता तो शायद लोग यूं बहकर हमेशा के लिए ओझल न हो जाते। हालात बदलने की तरकीबें सोचते रघुनाथ को महसूस हुआ कि अगर वो पुल की ज़रूरत को धर्म से जोड़ दे तो शायद मीडिया और सरक...