लखनऊ, सितम्बर 7 -- रूपांतर नाट्य मंच की ओर से रंग-ए-आवारगी महोत्सव का समापन रविवार को हुआ। आखिरी दिन संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में जावेद सिद्दीकी के नाटक री-डेवलपमेंट का मंचन मशहूर निदेशक सलीम आरिफ के निर्देशन में देखने को मिला। नाटक दर्शकों को एक ऐसी यात्रा पर ले गया जहां विकास की चकाचौंध के बीच इंसानियत और रिश्तों की दरकती दीवारें साफ दिखने लगीं। कहानी के मुख्य किरदार में लुबना सलीम का अभिनय नाटक की आत्मा बनकर उभरा। उनके संवाद, उनके हावभाव और उनकी खामोशियां सबने मिलकर ऐसा असर छोड़ा कि दर्शक अदाकारी से बंधे रहे। री -डेवलपमेंट सिर्फ ईंट-पत्थरों के ढहने और इमारतों के बनने की दास्तान नहीं थी, बल्कि यह हमारे समय का वह आईना थी जिसने यह प्रश्न खड़ा किया कि क्या विकास की दौड़ में हमने अपने जज्बात, अपनी जड़ें और अपने लोग कहीं पीछे तो नहीं ...