अयोध्या, सितम्बर 23 -- अयोध्या संवाददाता। स्थानीय अधिकारियों की मिली भगत से भौकाल टाइट करने की कोशिशो पर शासन ने भृकुटी टेढ़ी की है। पुलिस और प्रशासन को पत्र भेज संसदीय शिष्टाचार और पत्रचार कार्यान्वन के संबंध में बनाए गए नियम और निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराने को कहा है। हिदायत दी है कि किसी भी हाल में प्रतिनिधि अथवा परिवार के सदस्य का नाम निर्माण और विकास कार्यों से जुड़े शिलापट्टों पर न दर्ज होने पाए। केंद्रीय संसद के सदनों लोक सभा व राज्यसभा तथा प्रदेश विधान मंडल के दोनों सदनों विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों आदि को विशेषाधिकार मिला हुआ है। विशेषाधिकार प्राप्त जनप्रतिनिधियों का दायरा संसदीय शिष्टाचार के तहत परिभाषित है। मगर इधर बीच संसदीय शिष्टाचार के उल्लंघन की अक्सर शिकायतें आ रही हैं। महिला जनप्रतिनिधियों के मामलों में तो वि...