विकासनगर, मार्च 4 -- टेसू के फूल...। इसे बसंत का शृंगार कह सकते हैं और होली के महकते रंग भी। फूल जब खिलते हैं तो होली के करीब आने की दस्तक भी देते हैं। टेसू के फूलों का विशेष महत्व होली के त्योहार पर बढ़ जाता है। होली पर ग्रामीण इलाकों में पलाश के फूलों से रंग तैयार किए जाते हैं। फागुन माह में पतझड़ के बाद जंगलों में अधिकतर वृक्ष सूखे दिखाई देते हैं। पलाश के फूलों से शहर के कुछ हिस्से गुलजार नजर आने लगे हैं। जगह-जगह खिले टेसू के फूल ऋतु परिवर्तन का संकेत दे रहे हैं। लाल और पीले टेसू के फूल से लदे पेड़ इन दिनों पछुवादून में दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही उदियाबाग, ग्रामीण क्षेत्रों में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। चकराता के पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाले पर्यटक टेसू के फूलों से लदे पेड़ों के सामने सेल्फी ले रहे हैं।
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