लखनऊ, मई 26 -- अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कॉलेजों के ऐसे मृतक शिक्षक जो जीवित रहते सेवाकाल में मृत्यु उपादान (डेथ ग्रेच्युटी) का विकल्प नहीं भर पाए थे, अब उनके परिवारीजनों को इसका लाभ मिलेगा। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से डेथ ग्रेच्युटी दिए जाने के लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है। विशेष सचिव, उच्च शिक्षा गिरिजेश त्यागी की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। जिससे ग्रेच्युटी का विकल्प न भर पाने वाले मृत शिक्षकों के परिजनों को करीब 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक का लाभ मिलेगा। प्रदेश के 331 एडेड डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु चार फरवरी 2004 को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई थी। जिसे एक जुलाई 2003 से लागू माना गया। ऐसे में पूर्व की व्यवस्था में बदलाव हो गया। पहले जब 60 वर्ष पर शिक्षक रिटायर होते थे तो 58 ...