नैनीताल, दिसम्बर 5 -- नैनीताल, संवाददाता। हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग में कथित फर्जी और अपात्र विकलांगता प्रमाण पत्रों के आधार पर आरक्षण का लाभ ले रहे कर्मचारियों की जांच से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने विभाग की ओर से अब तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत न किए जाने पर नाराजगी जताते हुए अंतिम अवसर के तौर पर 15 दिन में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली तिथि इसके बाद निर्धारित की जाएगी। मामले में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने सुनवाई की। याचिका नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड, उत्तराखंड शाखा की ओर से दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग में अनेक कर्मचारी अपात्र होते हुए भी 'दृष्टिबाधित' श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ ले रहे हैं, जिससे वास्तविक दिव्यांग उम्मीदव...