सोनभद्र, जून 7 -- म्योरपुर, हिंदुस्तान संवाद। आदिवासी बहुल सोनभद्र के साथ ही विंध्य क्षेत्र के आदिवासी और ग्रामीण परम्पराओं के साथ उनके जीवन शैली, परंपरागत इलाज, खान पान का संरक्षण और संवर्धन होगा। यह आने वाले समय में दस्तावेज के रूप में भी उपलब्ध होगा। इसको लेकर सरकार ने एक प्रोजेक्ट शुरू किया है। जिसके तहत बीएचयू और महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय की प्रो.डा.बीना सेंगर सहित अन्य कई विशेषज्ञों की टीम आने वाले तीन सालों तक काम करेगी। शनिवार को डा.बीना सेंगर ने आश्रम की शुभा प्रेम, लीलासी के जड़ी बूटी विशेषज्ञ और लोक कवि डॉ.लखन राम जंगली, गंगाराम, म्योरपुर पटेरी टोला के जड़ी बूटी के जानकार नारायण पनिका, विमल सिंह सहित अन्य कई आदिवासी जानकारों से मिलकर आदिवासी परम्परा और जीवन शैली जड़ी बूटी से इ...