नई दिल्ली, अप्रैल 21 -- अच्छी-खासी संख्या में वाष्र्णेय समाज की आबादी और मतदाता हैं, लेकिन इसके बाद भी वाष्र्णेय समाज का कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं है। इसकी मुख्य वजह है कि राजनीतिक दलों द्वारा समाज के किसी भी व्यक्ति को चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाए जाना। सोमवार को शहर के घंटाघर स्थित वाष्र्णेय समाज के प्राचीन ठाकुर मंदिर श्री गोविंद भगवान में हिन्दुस्तान के अभियान 'बोले हाथरस' में वाष्र्णेय के लोगों ने अपनी बात को रखा। देवांशू वाष्र्णेय और प्रवीन वाष्र्णेय ने बताया कि हाथरस में काफी संख्या में वाष्र्णेय समाज की आबादी है, वाष्र्णेय समाज की लगभग 4000 की आबादी शहर में रहती और 25000 मतदाता है, लेकिन इसके बाद भी किसी भी राजनीतिक दल द्वारा लोकसभा, विधानसभा और नगर निकाय के चुनाव में समाज के व्यक्ति को प्रत्याशी नहीं बनाया है। मनोज वाष्र्णेय और शि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.