नई दिल्ली, अक्टूबर 11 -- नोबेल पीस प्राइज 2025 के लिए जब वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो के नाम का ऐलान किया गया तो एक तरफ उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया तो वहीं कई संगठन मांग कर रहे हैं कि उनसे यह पुरस्कार वापस ले लिया जाए। आखिर ऐसा क्यों है? यहां तक कि वेनेजुएला में भी उनको शांति पुरस्कार दिए जाने की आलोचना हो रही है। देश में लोकतंत्र बहाल करवाने के लिए उनके अहिंसक तरीके से किए गए संघर्ष के लिए ही उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है। वहीं वामपंथी विचारक और राजनीतिक विरोधी इसके खिलाफ नजर आ रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि मचाडो की करीबी अमेरिकी दक्षिणपंथियों से रही है। अब गौर करने वाली बात है कि व्हाइट हाउस ने भी उनको नोबेल दिए जाने की आलोचना कर दी और कहा कि पुरस्कार देने में समिति ने राजनीति को शांति स...