मुजफ्फरपुर, अक्टूबर 9 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। औराई और गायघाट को बीते हर चुनाव में चचरी पुल से मुक्ति दिलाने के वादे किए गए। दशकों से किये जा रहे ये वादे हकीकत में नहीं बदले। तस्वीर वही पुरानी है। दशकों से लोग गांव में चचरी से ही पहुंच रहे हैं। जब नदी में उफान आता है तो चचरी बह जाता है। इसके बाद नदी पार करने के लिए नाव का सहारा होता है। सरकारी नाव उपलब्ध होती है, फिर भी लोगों को रुपये देने ही पड़ते हैं। इसलिए अब सफेदपोशों के वादों पर लोग यही कह रहे हैं, ये तो वादे हैं वादों का क्या। गायघाट इलाके में बागमती नदी पर पर बांध नहीं है। इसके कारण यहां हर साल बाढ़ का पानी बड़े इलाके में फैल जाता है। इसके कारण ग्रामीण इलाके की सड़कें ध्वस्त हो जाती हैं। सड़क बह जाने के बाद उस जगह पुल की जरूरत होती है, लेकिन हर साल यही स्थिति रहने के कारण प...