सिद्धार्थ, मार्च 21 -- सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। संसार में उस पुत्र का जीवन धन्य हो जाता है जिसके वाणी और व्यवहार से माता-पिता को सुख मिले। जो पुत्र अपने माता पिता की सेवा करता है और अपने आचरण से कभी उनको ठेस नहीं पहुंचाता, परमात्मा उसके लिए स्वर्ग के दरवाजे सदा खोले रखता है। ये बातें क्षेत्र के अंदुआ शनिचरा गांव में आयोजित श्रीमदभागवत कथा के दूसरे दिन बुधवार की रात कथावाचक पंडित राकेश शास्त्री ने कहीं। उन्होंने कहा कि माता पिता की सेवा मानव जीवन में सबसे पुनीत कार्य है। उन्होंने गोकर्ण धुंधकारी की कथा का रसपान कराया। साथ ही श्रद्धालुओं को माता-पिता की सेवा करने की नसीहत दी। शास्त्री ने कहा कि जो भी पुत्र अपने माता-पिता को सताएगा उसका जीवन हमेशा कष्टमय रहेगा। इस दौरान मुनीश चंद्र पाण्डेय, अनिल, शुभम, आशीष, विकास आदि मौजूद रहे। प्रभु ...