छपरा, दिसम्बर 6 -- दिघवारा, निसं। जन्म और मौत जिंदगी के दो शाश्वत पड़ाव हैं और जिसका जन्म हुआ है उसकी मौत भी निश्चित है। ऐसे में मानव जीवन में संपत्ति के अर्जन की जगह अपने कर्म की महत्ता पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि कर्म के सहारे ही व्यक्ति दिवंगत होने के बाद भी स्मृतियों में कैद रहता है। उक्त बातें नगर पंचायत के माल गोदाम के सामने गीता जयंती समारोह समिति द्वारा आयोजित हो रहे गीता जयंती साप्ताहिक समारोह के 31 वें वार्षिकोत्सव के पांचवे दिन शनिवार को श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए अयोध्या से पधारी देवी ऋचा मिश्रा ने कहीं। उन्होंने कहा कि मानव का शरीर नश्वर है और इस नश्वर शरीर से जिसे मोह है वह दुनिया का सबसे बड़ा मूर्ख है। उन्होंने परीक्षित के प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि जीवन में कर्म की महत्ता पर हर किसी को ध्यान देना चाहिए। इंसान को ...
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