नई दिल्ली, अगस्त 6 -- भारत के मुख्य न्यायाधीश ने बुधवार को कहा कि 11 अगस्त से कोई भी वरिष्ठ वकील उनकी अदालत में तत्काल सुनवाई और सूचीबद्ध मामलों का उल्लेख नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से कनिष्ठ वकीलों को अवसर मिल सकेगा। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई ने कहा कि वरिष्ठ वकीलों द्वारा किसी भी मामले का उल्लेख न करने की बहुत मांग है। उन्होंने इस बाबत अदालत के कर्मचारियों से एक नोटिस जारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि सोमवार से उनकी अदालत में किसी भी वरिष्ठ वकील को तत्काल सूचीबद्ध और सुनवाई के लिए मामलों का उल्लेख करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कनिष्ठ वकीलों को ऐसा करने का अवसर दिया जाना चाहिए। 14 मई को शपथ लेने वाले सीजेआई गवई ने वकीलों द्वारा तत्काल सूचीबद्ध मामलों और सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख की प्रथा को फिर से शुरू कर दिया था और अपने प...