नई दिल्ली। एएनआई, अगस्त 15 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि दो वयस्कों के आपसी सहमति से शादी करने और साथ रहने की व्यक्तिगत स्वतंत्रता संविधान के आर्टिकल 21 के अंतर्गत संरक्षित है। हाईकोर्ट ने हाल ही में दिए गए एक फैसले में जोर देकर कहा कि पारिवारिक विरोध इस स्वायत्तता पर हावी नहीं हो सकता। हाईकोर्ट ने पुलिस को एक युवा जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया, जिन्होंने अपने-अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध विवाह किया था और अब उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। जस्टिस संजीव नरूला की बेंच ने 5 अगस्त को जारी एक आदेश में कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार इस सिद्धांत को बरकरार रखा है और पुलिस को ऐसे जोड़ों को धमकियों, दबाव या नुकसान से बचाने का निर्देश दिया है, जिन्हें महिला के परिवार द्वारा उत्पीड़न का डर था।'' एक जोड़े ने 23 जुलाई,...