रांची, नवम्बर 4 -- रांची, संवाददाता। झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में वर्ष 1984 के सिख दंगा पीड़ितों को मुआवजा दिलाने और संबंधित आपराधिक मामलों की मॉनिटरिंग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि 11 नवंबर तक वन मैन कमीशन को सभी आवश्यक सुविधाएं, जैसे स्टेनोग्राफर, कंप्यूटर टाइपिस्ट और नोडल अधिकारी उपलब्ध कराए जाएं, अन्यथा संबंधित अधिकारी को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होना होगा। हस्तक्षेपकर्ता की ओर से बताया गया कि कमीशन को अब तक ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। इस पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार को शीघ्र कार्रवाई का निर्देश दिया। पूर्व में सरकार ने कोर्ट को बताया था कि वन मैन कमीशन की अनुशंसा के अनुसार 41 में से 39 पीड़ितों को मुआ...
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