मेरठ, मार्च 20 -- मेरठ। श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर असौड़ा हाउस में आयोजित सिद्धचक्र महामंडल विधान के तीसरे दिन मंगलवार को मुनिश्री श्रद्धानंद महाराज ने कहा कि वन में बिना कारण के कोई कार्य नहीं होता है। कहा कि जीवन में यदि गरीबी है तो उसका कारण है। यदि अमीरी है तो भी उसका कोई कारण होता है। सुख-दुख का भी कोई कारण होता है। जीवन के अंत में मनुष्य को संयम के मार्ग पर चलना चाहिए। जीवन में सुख-दुख आते जाते हैं। धूप-छांव की तरह इसी का नाम संसार है। जीवन के सभी दिन एक से नहीं होते हैं। जिस तरह दिन के बाद रात आती है इसी तरह सुख-दुख आते जाते हैं। जीवन में प्रभु की कृपा के बिना व्यक्ति सुखी नहीं रह सकता। इसलिए प्रभु वंदना जरूरी है। इस दौरान रचित जैन, विनोद जैन, कपिल जैन, सुभाष जैन, मनोज जैन, नवीन जैन, सुरेश जैन, नमन जैन, अंशिका जैन,...