मुजफ्फरपुर, अक्टूबर 22 -- फोटो : पंकज जी बिहार विधानसभा चुनाव के मौके पर यह सवाल बड़ा मौजू हो जाता है कि वोटिंग का आधार दलीय हो या व्यक्तिपरक। इस बारे में युवाओं ने अपनी राय बेबाकी से रखी। कहा कि हम युवा देश के भविष्य हैं। इसलिए हमारे उपर ज्यादा जिम्मेदारी है। इस बारे में यहीं कहना है कि व्यक्तिपरक मतदान से ही सबसे योग्य और कुशल व्यक्ति को चुना जा सकता है। इससे राजनेताओं की जवाबदेही बढ़ती है, क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें अपनी जाति के कारण नहीं, बल्कि अपने प्रदर्शन के आधार पर चुना जाएगा। इससे वे बेहतर काम करने के लिए प्रेरित होते हैं। यह स्पष्ट है कि एक आदर्श लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए मतदान का आधार व्यक्तिपरक होना चाहिए। भारतीय राजनीति में जाति का प्रभाव एक जटिल मुद्दा है, जिसे पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। स्मृति सिंह, भगवानप...