गुमला, जून 3 -- गुमला, अमरनाथ कश्यप। जिले के विशुनपुर प्रखंड स्थित वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके) सेरका आज आदिवासी समुदाय, खासकर विलुप्त प्राय आदिम जनजाति (पीभीटीजी) परिवारों के लिए आत्मनिर्भरता का मजबूत आधार बन चुका है। जिला प्रशासन द्वारा वर्ष 2019 में शुरू हुई यह पहल आज एक सफल मॉडल के रूप में सामने आई है। वीडीवीके सेरका का संचालन 15 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से हो रहा है। जिनमें तीन सौ से अधिक जनजातीय सदस्य शामिल हैं। इनमें 70 फीसदी महिलाएं हैं। जो महुआ, इमली और करंज जैसे वन उत्पादों का वैज्ञानिक तरीके से संग्रहण और प्रसंस्करण कर रही हैं। इनसे महुआ लड्डू,अचार, इमली पाउच और करंज तेल जैसे उत्पाद तैयार किए जाते हैं। जिनकी बिक्री झामकोफेड के माध्यम से होती है। इससे महिलाओं को हर माह आठ हजार से 12 हजार तक की आय हो रही है। कोरवा समुदाय की...