गढ़वा, फरवरी 23 -- गढ़वा, संवाददाता। सामुदायिक वन प्रबंधन संघ के तत्वावधान में अगले 26 फरवरी से सरकारों के वनाधिकार कानून के प्रति नकारात्मक रवैये के खिलाफ आठ दिवसीय पैदल मार्च का आयोजन किया जाएगा। संघ की ओर से कहा गया है कि भारतीय संसद ने वर्ष 2006 में स्वीकार किया था कि देश के आदिवासियों और अन्य परंपरागत वन निवासियों के साथ अन्याय हुआ है। उन्हें उनका हक देने के लिए ही वनाधिकार कानून को लागू किया गया। कानून के तहत देशभर के आदिवासियों और अन्य परंपरागत वनवासियों को उनके पुरखों के प्राकृतिक संसाधनों पर संपूर्ण सामुदायिक अधिकार करना है। उसके बाद भी सरकारों का वनाधिकार कानून के प्रति नकारात्मक रवैया रहा। संघ की ओर से कहा गया है कि आदिवासियों व अन्य परंपरागत वनवासियों को उनका अधिकार नहीं दिया गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2008 से मार्च 2...