सुपौल, मई 22 -- त्रिवेणीगंज। पौराणिक कथाओं के अनुसार सावित्री और सत्यवान की अमर प्रेम कहानी पर आधारित वट सावित्री व्रत हर साल श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह व्रत महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखा जाता है। इस बार ये पर्व और भी खास बन गया है, क्योंकि 26 मई को वट सावित्री व्रत के साथ ही सोमवती अमावस्या का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ऐसा योग बेहद शुभ माना जाता है। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को निर्जला व्रत रखने की परंपरा है। मान्यता है कि जो सुहागिन महिलाएं इस व्रत को विधि-विधान से करतीं हैं, उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है। महिलाएं वट सावित्री पूजा के दिन व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा करेंगी। इस व्रत को लेकर सुहागिन महिलाओं में उत्साह नजर आ रहा है। पूजन सामग्री क...