वाराणसी, मई 23 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। अखंड सौभाग्य और सुख की कामना के लिए किया जाने वाला वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से अमावस्या तक किया जाता है। इस वर्ष व्रत की शुरुआत 25 मई से होगी, जबकि पूर्णाहुति 27 को होगी। तीन दिनी व्रत के मुख्य विधान अमावस्या तिथि पर पूर्ण किए जाते हैं। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर व्रत का पारण किया जाता है। ज्येष्ठ मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 मई की शाम 7 बजकर 21 मिनट पर लगेगी जो कि 25 मई को दिन में 3 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि में 25 मई को त्रयोदशी मिलने से व्रत की शुरुआत उसी दिन होगी। 26 मई की दोपहर तक चतुर्दशी तिथि और दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से अमावस्या शुरू हो जाएगी। यह 27 मई को प्रातः 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि ऐसी मान्यता ...