नई दिल्ली, सितम्बर 16 -- तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ संशोधन अधिनियम के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाने के बाद सरकार पर निशाना साधा है। कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस तरह के गंभीर सवालों का भी जवाब देना होगा कि क्या वक्फ अधिनियम समानता और धार्मिक स्वतंत्रता जैसे अधिकारों का उल्लंघन करता है। एक ब्लॉग पोस्ट में ओब्रायन ने कहा कि शीर्ष अदालत ने वक्फ अधिनियम, 2025 के दो सबसे विवादास्पद प्रावधानों पर रोक लगा दी है। पहला, किसी व्यक्ति को अपनी संपत्ति वक्फ के रूप में समर्पित करने से पहले पांच साल तक इस्लाम का पालन करना आवश्यक है। दूसरा यह प्रावधान है कि एक नामित अधिकारी नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों का न्याय कर सकता है। तृणमूल नेता ने कहा कि संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 का पारित होना छल-कपट और टालमटो...