नई दिल्ली, मई 21 -- वक्फ ऐक्ट के खिलाफ दायर अलग-अलग याचिकाओं पर आज (बुधवार, 21 मई को) दूसरे दिन भी सुनवाई हो रही है। इस दौरान वक्फ ऐक्ट का बचाव करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वक्फ एक इस्लामी अवधारणा है,यह एक चैरिटी संस्था है लेकिन यह इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। मेहता ने इससे आगे कहा कि वक्फ एक मौलिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार 140 करोड़ नागरिकों की संपत्ति की संरक्षक है और यह सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है कि सार्वजनिक संपत्ति का अवैध रूप से उपयोग न किया जाए। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा, "एक झूठी कहानी गढ़ी जा रही है कि उन्हें दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे, नहीं तो वक्फ पर सामूहिक रूप से कब्जा कर ल...