भभुआ, नवम्बर 2 -- प्रत्याशियों में संयम, उच्च विचार, सेवा की भावना कम हो गई है विचारधारा, सिद्धांत और नीतियों के बजाय व्यक्ति पर हो रहे हमले (पेज चार) भगवानपुर, एक संवाददाता। बदलते वक्त के साथ चुनाव प्रचार के तौर-तरीके बदल गए। अब के प्रत्याशियों और नेताओं में संयम, उच्च विचार और सेवा की भावना कम हो गई है। अब विचारधार, सिद्धांत और नीतियों के बजाय व्यक्ति व परिवार पर हमले हो रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसा वर्ष 1960 के बाद से देखने और सुनने को मिल रहा है। यह बातें भगवानपुर के 75 वर्षीय भोजपुर कवि सिपाही पांडेय मनमौजी ने कही और बताया कि पहले और अब के चुनाव प्रचार में बहुत बदलाव हो गया है। पहले दीवार पर नारे, प्रत्याशियों के नाम और चुनाव चिन्ह अंकित कर वोट देने की अपील की जाती थी। लोग घर-घर जाकर संपर्क करते थे। 76 वर्षीय किसान गिरीश नाथ पां...