लखनऊ, फरवरी 25 -- हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पीजीआई के पास पिछले साल वकीलों की हुई पिटाई के मामले में सख्त रुख अपनाया है। न्यायालय ने पुलिस कमिश्नर से पूछा है कि 23 नवंबर 2024 को हुई घटना की एफआईआर अब कोर्ट द्वारा मामले का संज्ञान लेने के बाद ही क्यों दर्ज की गई। इसके साथ ही न्यायालय ने पुलिस कमिश्नर को यह भी आदेश दिया है कि वह मंगलवार को न्यायालय के समक्ष किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को पेश होने का आदेश दें। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति एसक्यूएच रिजवी की खंडपीठ ने पीड़ित अधिवक्ताओं अमित कुमार पाठक व अन्य की याचिका पर पारित किया है । याचियो की ओर से दलील दी गई कि 23 नवंबर 2024 को पीजीआई के पास ठेला लगाने वाले कुछ लोगों ने याचियो को बुरी तरह से मारा पीटा था तथा उनकी कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके बावजूद पीजीआई थाने की प...
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