बुलंदशहर, नवम्बर 8 -- भारत के राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम" की रचना को 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में एन.आर.ई.सी. कॉलेज में एक भव्य विचार-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य मातृभूमि के प्रति श्रद्धा, राष्ट्रप्रेम और एकता के संदेश को जन-जन तक पहुँचाना था। संगोष्ठी का शुभारंभ संस्कृत विभाग के प्रभारी आचार्य सुभाष पैन्यूली के उद्बोधन से हुआ। उन्होंने "वंदे मातरम" के प्रत्येक शब्द का शाब्दिक और भावात्मक अर्थ समझाते हुए कहा कि यह गीत केवल एक रचना नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का स्वर है। उन्होंने इसे माँ भारती के प्रति अनन्य समर्पण का प्रतीक बताया। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार दीक्षित ने अपने विचार रखते हुए कहा कि "वंदे मातरम" गीत ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतवासियों में एकता और त्याग की भावना को ...