संभल, अप्रैल 17 -- तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि वंदेभारत न कहने वालों को भारत में रहने का हक नहीं है। भारत माता की जय कहने वालों को ही देश में रहने का अधिकार है। उन्होंने आगे कहा मैं जब तक जीवित हूं, डंके की चोट पर हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार करता रहूंगा। वे बुधवार को बहजोई में श्रीराम कथा का वाचन कर रहे थे। इससे पहले राज्यमंत्री गुलाबदेवी ने स्वामी जी को माला पहनाकर आर्शीवाद लिया। कथा सुनने को दोपहर से ही भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। बुधवार को कथा के दौरान स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि हनुमान जी का शरीर बानर का शरीर है, मनुष्य या देवता का शरीर नहीं है। फिर भी सम्मान करते हैं। क्योंकि बानर ही है जिसका कोई घर नहीं होता। भगवान कहते हैं जिसका कोई घर नहीं होता वही मुझे प्रिय होता है। हनुमान जी गर्भ में नहीं आए...