लोहरदगा, मार्च 17 -- लोहरदगा, संवाददाता।चइता और होली गीतों का भारतीय जनमानस में जबरदस्त प्रभाव तो है ही। यह हमारी लोक संस्कृति और जन सरोकार से जुड़े महत्वों- खेती- किसानी, प्रकृति के नवजीवन को प्रतिस्फूटित कर इंसानी जीवन के हर पल में सप्तरंगी रंग भर के उसे दीर्घायु बने का काम करता है। इसका न केवल प्रकृति बल्कि वैज्ञानिक महत्व है। बसंत ऋतु में होली और चैत महीने का आनंद प्रकृति में देखने को मिलता है। उसी का अनुसरण कर हर भारतीय अपने जीवन को नया स्वरूप प्रदान करने की यथेष्ट प्रयास करता है। उक्त बातें समाजसेवी मनीष प्रसाद ने कही। वह थाना टोली लोहरदगा के द्वारा आयोजित होली और चैता गायन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन थाना टोली के युवाओं के द्वारा किया गया था ।इसमें लोहरदगा कीर्तन मंडली के अलावा गुमला जिले के भी ...