गिरडीह, मई 5 -- गिरिडीह। श्री कबीर ज्ञान मंदिर की सद्गुरु मां ज्ञान ने कहा कि सभी तरह की कामनाएं बंधनदायी एवं दुखप्रद है। दुख है कि लोग फल तो खाना चाहते हैं, पर फलदायी वृक्षों को काट देते हैं। शुद्ध पानी तो पीना चाहते हैं, पर नदियों को प्रदूषित कर देते हैं। स्वच्छ हवा में श्वांस तो लेना चाहते हैं, पर अपनी गंदी आदतों एवं असजग कर्मों से वायुमंडल को प्रदूषण से भर देते हैं। इसी प्रकार लोग सुख-शांति तो चाहते हैं, लेकिन इन सभी के कारणभूत निष्कामता पर सकामता का कुल्हाड़ा मार देते हैं। उन्होंने कहा कि मन की कामनाओं की पूर्ति हेतु बहुत कर्म किए, बहुत जी लिये, परंतु बदले में तनाव, उद्विग्नता, दुख-संताप ही हाथ आया। अब प्रभु की आज्ञा का अनुवर्ती बनकर कर्म करो, जिसमें प्रभु-प्रसन्नता के अतिरिक्त और कोई कामना न हो। कहा कि निष्काम साधन-भजन, आत्मज्ञान-आत...