विकासनगर, सितम्बर 6 -- श्री महासू देवता मंदिर प्रबंधन समिति हनोल के विस्तारीकरण एवं सदस्यता शुल्क से जुड़े निर्णय का लोक पंचायत, जौनसार-बावर संगठन ने विरोध किया है। संगठन ने जिला प्रशासन देहरादून को ज्ञापन सौंपकर समिति के फैसले को परंपरा और मान्यता के विपरीत बताया। ज्ञापन में कहा गया कि समिति का विस्तार केवल बावर क्षेत्र की 11 खतों एवं बंगाण क्षेत्र की तीन पट्टियों तक सीमित किया गया है और आजीवन सदस्यता शुल्क एक लाख रुपये तय किया गया है। जबकि, श्री महासू देवता की मान्यता सम्पूर्ण जौनसार-बावर की 39 खतों, बंगाण, फतेह पर्वत, रंवाई-जौनपुर, यमुना घाटी समेत हिमाचल प्रदेश के सिरमौर और शिमला जिलों तक फैली हुई है। परंपरागत रूप से मंदिर समिति में हक-हकूकधारी और कारिंदों पुजारी, बजीर, राजगुरु, ठाणी-भंडारी, बाजगी, पिशनारे और सदर स्याणा को शामिल किया ज...