नई दिल्ली, जुलाई 30 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना काल में लॉक डाउन के समय के लिए एक हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से कुल चार महीने का बकाया भरण पोषण भत्ते के भुगतान की मांग में दाखिल याचिका पर मुख्य सचिव और डीएम मथुरा से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ एवं न्यायमूर्ति पीके गिरि की खंडपीठ ने मथुरा के प्रकाश चंद्र अग्रवाल की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि कोरोना काल लॉकडाउन के दौरान 26 मार्च 2020 के शासनादेश से फुटपाथ, रेहड़ी, फेरी वालों, नाई, मोची आदि को माह अप्रैल, मई, जून व जुलाई के लिए प्रतिमाह एक हजार रुपये भरण पोषण भत्ता दिए जाने को कहा गया था। शासनादेश के बिन्दु संख्या तीन में लिखा है कि किसी भी प्रकार का आवेदन नहीं लिया जाएगा, जिससे अनावश्यक रूप से आम जन को लॉक डाउन से बाहर निकलना नहीं पड़े। शास...