प्रयागराज, मई 25 -- प्रयागराज। प्रयागराज की साहित्यिक संस्था साहित्य श्री की सचिव व लेखिका पूनम श्रीवास्तव ने साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था मुंबई की ओर से हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए मॉरिशस गए प्रतिनिधि मंडल में प्रतिभाग किया। सम्मेलन में उन्होंने हिंदी प्रचारिणी सभा के बढ़ते कदम और राम कथा की भूमिका पर प्रकाश डाला। पूनम ने कहा कि 19वीं शताब्दी में भारतीय मजदूरों को मॉरिशस में पढ़ने-लिखने की सुविधा नहीं थी। वहां पर वाचिक परंपरा के आधार पर लोगों ने राम कथा को पढ़ना-लिखना सीखा। इस मौके पर विशिष्ट योगदान के लिए संस्था के अध्यक्ष धानुक ने पूनम को प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया।

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