कुशीनगर, मार्च 4 -- कुशीनगर। तहसील कार्यालय तो सरकारी है, मगर उसमें काम करने वाले तमाम लोग प्राइवेट हैं। इन प्राइवेट कर्मचारियों से रोजाना ही शहर के लोगों से मुलाकात होती है। लेखपाल की गैरमौजूदगी में उनका दफ्तर संभालने वाले ये कर्मचारी उनके मुंशी के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। वहीं आम लोग तो उन्हें सरकारी कर्मचारी ही समझते हैं। प्रमाण पत्रों की जांच को लेखपाल इन्हीं कर्मचारियों को मौके पर भेजते हैं। वहीं उनके द्वारा किये गये जांच पर ही लेखपाल अपना सरकारी मोहर लगा देते है। इन्हें लेखपाल कार्यों को करने के रूप में पगार भी देते हैं। तहसीलो के कार्यप्रणाली को लेकर कुछ माह पूर्व ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्राईवेट लोगों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। इसके बावजूद भी तहसीलों में कुछ दिन तक छापेमारी कर अधिकारियों ने खनापूर्ति कर पूरा कर...
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