लखनऊ, मई 26 -- लखनऊ। संवाददाता लुप्तप्राय स्वदेशी प्रजातियों की मछलियों को बचाने के लिए राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एबीएफजीआर) और कल्याणी विवि से समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। यह मत्स्य आनुवंशिक संसाधनों में सहयोगी अनुसंधान और शैक्षिक सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसका मकसद 'अभय पुकुर मछली अभयारण्यों की स्थापना, प्रबंधन और जैव विविधता को बढ़ावा देते हुए लुप्तप्राय स्वदेशी प्रजातियों का संरक्षण भी है। समझौते के तहत कल्याणी विश्वविद्यालय के छात्र एनबीएफजीआर के वैज्ञानिकों के निर्देशन में पीएचडी कर सकेंगे। अकादमिक उत्कृष्टता तय करने के लिए एनबीएफजीआर में अनिवार्य कोर्स वर्क कर सकेंगे। मछलियों के प्रजातियों के संरक्षण के अलावा जैव प्रौद्योगिकी, जैव सूचना विज्ञान, जलीय पारिस्थितिकी तंत्...