लोहरदगा, नवम्बर 21 -- लोहरदगा, संवाददाता। आजादी के सात दशक बाद भी लोहरदगा जिले के सुदूर गांव के ग्रामीण पेयजल के लिए कई किलोमीटर पहाड़ी रास्तों पर चलने को मजबूर हैं। किस्को प्रखंड के अति सुदूरवर्ती पाखर क्षेत्र में ग्रामीणों के लिये पेयजल का जुगाड़ करना आज भी कठिनाइयों भरा है। आज के समय मे भी आदिम जनजाति परिवार शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित हैं जबकि सरकार हर घर नल जल योजना चलाये हुए है ऐसे में सुदूर गांव के ग्रामीण आज भी डाँड़ी, चुआ और नाला से पानी जुगाड़ कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। और इसके लिए उन्हें अपना बहुमूल्य समय के साथ-साथ कठिक श्रम भी करना पड़ता है जिससे उनका बहुमूल्य समय पेयजल इकठ्ठा करने में ही जाय हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में न तो नल-जल योजना का लाभ मिलता है और न ही हैंडपंपों की स्थिति ही ठीक है। मजबूरन आज...
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