चंदौली, अक्टूबर 19 -- सैयदराजा, हिन्दुस्तान संवाद। सैयदराजा नगर पंचायत मैदान में आयोजित रामलीला में कुंभकरण के वध के बाद रावण अपने शक्तिशाली पुत्र मेघनाथ को युद्ध के लिए भेजा। मेघनाथ बदला लेने के लिए युद्ध करने पहुंचता है और पूरे राम दल को नागपाश में बांध देता है। नारद यह देखते हैं कि सर्वथा स्वतंत्र और बंधन मुक्त रहने वाले प्रभु अपनी नर लीला करने के कारण नाग पाश में बंध गये है। नारद गरुड़ जी से बंधन मुक्त करने को कहते हैं नाग पाश से मुक्ति दिलाते हैं। राम की आज्ञा पाकर लक्ष्मण मेघनाथ से युद्ध कर उसका वध कर देते है। मेघनाथ की पत्नी सुलोचना को दासी बताती है कि उसके आंगन में आभूषण युक्त पुरुष की भुजा कटी पड़ी है। सुलोचना उस भुजा को पहचान लेती है कि यह उसके पति की भुजा है, लेकिन उसको विश्वास नहीं होता है, वह भुजा से कहती है कि यदि यह मेरे पति ...
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