देहरादून, फरवरी 17 -- देहरादून। उत्तराखंड जनजाति कल्याण समिति की सोमवार को ओएनजीसी में हुई बैठक में लिव इन रिलेशनशिप के मामलों में जनजाति का एक पक्ष होने पर उसे यूसीसी के तहत पंजीकरण की अनिवार्य व्यवस्था कराने की वकालत की गई। वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा प्रावधान जनजाति महिला की सुरक्षा और कल्याण के हित में नहीं है। जनजाति क्षेत्रों के वर्तमान और रिटायर अफसरों की यह समिति है। समिति के अध्यक्ष और पूर्व आईएएस अजय सिंह नबियाल की अध्यक्षता में यह बैठक हुई, जिसमें वक्ताओं ने विशिष्ट संस्कृति एवं रीति-रिवाज होने पर जनजाति क्षेत्रों का बाहर रखने को प्रशंसनीय कदम बताया। राज्य की पांचों जनजाति के प्रतिनिधियों ने इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का आभार जताया। पूर्व मुख्य सचिव नृप सिंह नपलच्याल ने कहा कि यूसीसी में एक चिंताजनक तथ्य भी है। कहा कि लिव इन...
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