हल्द्वानी, अगस्त 26 -- हल्द्वानी। डीएनए, फिंगरप्रिंट और सीसीटीवी के बाद अब अपराधियों की पहचान उनकी लिखावट और हस्ताक्षर से भी संभव होगी। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के फॉरेंसिक विभाग में पीजी रेजिडेंट डॉ. सौरभ प्रकाश सिंह ने ऐसा शोध शुरू किया है, जो अपराध विज्ञान की दिशा बदल सकता है। उनका अध्ययन ब्लाइंड मर्डर और जघन्य अपराधों की जांच में अहम भूमिका निभाएगा। डॉ. सिंह उत्तराखंड की अलग-अलग जेलों में बंद अपराधियों, मानसिक रोगियों, आत्महत्या का प्रयास करने वालों की लिखावट और सिग्नेचर का वैज्ञानिक विश्लेषण कर रहे हैं। यह शोध 555 लोगों पर किया जाना है। इनमें हाल ही में हल्द्वानी के गौलापार में 10 वर्षीय मासूम अमित की हत्या कर गर्दन और कलाई को काटकर छिपाने के आरोपी निखिल जोशी की लिखावट और हस्ताक्षर भी शामिल हैं। नवंबर में अंतरराष्ट्रीय मंच तक पह...