आशीष सिंह। नई दिल्ली, नवम्बर 12 -- मेरी बुढ़ापे की लाठी टूट गई। धमाके से 10 मिनट पहले ही बेटे से बात हुई थी। उसने परिवार के साथ डिनर की योजना बनाई थी। इसके लिए तय समय से पहले ही भागीरथ पैलेस स्थित अपनी दवा की दुकान को बंद कर दिया था और परिवार का लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास इंतजार कर रहा था। वह काफी खुश था। लेकिन, कुछ देर बाद कॉल की तो किसी अनजान महिला ने उसका फोन उठाया और कहा कि यहां बड़ा धमाका हो गया है। इस दौरान चीख-पुकार की आवाज आ रही थी। लाल किला के पास धमाके में जान गंवाने वाले श्रीनिवासपुरी एन ब्लॉक निवासी अमर के पिता जगदीश कटारिया यह बताते हुए इकलौते बेटे की याद में फफक-फफक कर रोने लगे। जैसे ही अमर की मौत की सूचना दोस्तों व परिवारजनों को मिली, वैसे ही उनके घर पर मातम पसर गया। अमर को चाहने और जानने वालों का तांता लग गया। उनके दोस्...