जमुई, अक्टूबर 27 -- झाझा, नगर संवाददाता आज से लगभग 30-35 वर्षों पूर्व के महापर्व छठ और आज के छठ पर्व में अंतर यह आया है आज छठ पर्व मनाने के लिए मोटी रकम की आवश्यकता पड़ती है। उस समय की पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्रियों यथा शुद्ध देसी घी दूध मेवा फल आदि पर्वैतिनों के द्वारा प्रयुक्त होने वाली पलटा अर्थात साड़ी सब की कीमतें पहले कम थी। परंतु आज महंगाई की मार छठ पर्व मनाने के दौरान लोगों को सहन करनी पड़ रही है। 35 वर्षों से छठ पूजा करती आ रही 67 वर्षीय बिजुलिया देवी एवं 70 वर्षीय सरोज देवी अपने अनुभवों को याद करते कहती हैं कि महापर्व छठ जितनी श्रद्धा से पूर्व में होता था, जितनी स्वच्छता के साथ पर्व मनाते थे आज भी वह परंपरा जारी है। दोनों पर्वैतिनें कहती हैं कि आज के पर्व और कल के पर्व में अंतर यह है कि पहले पारंपरिक एवं मां भगवती को खुश करने...
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