नई दिल्ली, मार्च 1 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि लाभ कमाने के लिए बैंक से लोन लेने वाले व्यक्ति को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत 'उपभोक्ता नहीं कहा जा सकता है, इसलिए वह (कर्ज लेने वाला व्यक्ति) बैंक के खिलाफ उपभोक्ता कानून के तहत शिकायत नहीं कर सकता है। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के एक फैसले को रद्द करते हुए यह फैसला दिया है। जस्टिस सुधांशु धूलिया और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा है कि सभी तथ्यों, कानून और पूर्व के फैसले के विश्लेषण से, यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि लोन लेने का ‌प्रमुख उद्देश्य लाभ सृजन करना था। पीठ ने कहा कि हम इन नतीजे पर पहुंचे हैं कि प्रतिवादी संख्या 1 यानी लोन लेने वाली फर्म उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2 (1) (डी) (ii) के अ...