आगरा, जून 18 -- ब्रज की अधिष्ठात्री देवी राधारानी के प्राकट्योत्सव पर महाराजा अग्रसेन भवन, लोहामंडी में भक्ति और प्रेम का अनुपम संगम देखने को मिला। विश्व मंगल परिवार सेवा संस्थान द्वारा आयोजित श्री राधा माधव रसामृत कथा के दूसरे दिन कथावाचक देवी महेश्वरी श्रीजी ने व्यासपीठ से कहा कि राधारानी केवल ब्रज की ही नहीं, तीनों लोकों की आराध्या हैं। जिनकी आराधना स्वयं श्रीकृष्ण करते हैं, उस लाड़ली सरकार के जन्मोत्सव में भाग लेना पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा कि श्री राधा-माधव की गाथा युगों पुरानी है। माधव चंचल चित्त और राधा कोमल हृदय हैं। वृंदावन का निर्माण श्रीजी के हृदय से हुआ है। जब माधव वृक्ष पर बैठकर बांसुरी बजाते थे तो गोपियां खिंची चली आती थीं। राधा यह देख रुष्ठ हो जातीं और माधव उन्हें प्रेम से मनाते। संपूर्ण सृष्टि को पालने वाले श्रीकृष्ण,...