नई दिल्ली, नवम्बर 5 -- देशभर में महिलाओं को सीधे नकद सहायता देने की योजनाएं अब राज्यों की नई सामाजिक-राजनीतिक रणनीति बन चुकी हैं। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 12 राज्यों ने महिलाओं के लिए बिना शर्त नकद हस्तांतरण योजनाएं शुरू की हैं, जबकि दो साल पहले यानी 2022-23 में ऐसे राज्यों की संख्या मात्र दो थी। PRS लेजिस्लेटिव रिसर्च की इस ताजा अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (2025-26) में ये 12 राज्य मिलकर 1,68,050 करोड़ रुपये खर्च करेंगे- जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 0.5% है। दो साल पहले यह आंकड़ा 0.2% से भी कम था।राजनीतिक दलों की नई महिला योजना रणनीति चाहे कर्नाटक की 'गृह लक्ष्मी', मध्य प्रदेश की 'लाड़ली बहना', महाराष्ट्र की 'लाडकी बहिन' या बिहार की 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' हो, लगभग हर राजनीतिक दल अब महिलाओं को नक...